Read Bhagwat Geeta In Hindi
ॐ
११- अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः।
भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि|
भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि|
इसलिए सब मोर्चों पर अपनी-अपनी जगह स्थित रहते हुए आप लोग सभी निःसंदेह भीष्म पितामह की ही सब ओर से रक्षा करें|
सभी और से भीष्म की रक्षा करने के लिए आदेश देता है दुर्योधन, क्योंकि वह जानता है के जीतने के लिए क्या जरूरी है।
हम अपनी जीत के लिए किस की रक्षा करते हैं क्या है हमारी ताकत।
उसकी रक्षा कैसे करते हैं और उसे कैसे इस्तेमाल करते हैं।
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