Read Bhagwat Geeta In Hindi
७-अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम।
नायका मम सैन्यस्य सञ्ज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते|
हे ब्राह्मणश्रेष्ठ! अपने पक्ष में भी जो प्रधान हैं, उनको आप समझ लीजिए। आपकी जानकारी के लिए मेरी सेना के जो-जो सेनापति हैं, उनको बतलाता हूँ|
८-भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिञ्जयः।
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च|
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च|
आप-द्रोणाचार्य और पितामह भीष्म तथा कर्ण और संग्रामविजयी कृपाचार्य तथा वैसे ही अश्वत्थामा, विकर्ण और सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा|
९-अन्ये च बहवः शूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः।
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः|
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः|
और भी मेरे लिए जीवन की आशा त्याग देने वाले बहुत-से शूरवीर अनेक प्रकार के शस्त्रास्त्रों से सुसज्जित और सब-के-सब युद्ध में चतुर हैं|
१०-अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्।
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्|
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्|
भीष्म पितामह द्वारा रक्षित हमारी वह सेना सब प्रकार से अजेय है और भीम द्वारा रक्षित इन लोगों की यह सेना जीतने में सुगम है|
यह थी दुर्योधन की तैयारियां।
क्या हम अपने जीवन की लड़ाई केलिए इतनी तैयारी करते हैं।
क्या है हमारी लड़ाई और क्या है हमारी तैयारी इस चीज को जानना और समझना जरूरी है अगर जिंदगी की लड़ाई जीतना है तो हर तरह की तैयारी करनी चाहिए।
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